बुधवार, 20 फ़रवरी 2019

सुल्तानपुर -खुले में शौच जाने का आदेश दिये जाने की पीड़ित ने लगाई फरियाद,शासन प्रशासन को मामले की जानकारी लगते ही फूला हाथपांव,CM से लेकर जनपद के आलाधिकारियों को दी अर्जी,

सुल्तानपुर -खुले में शौच जाने का आदेश दिये जाने की पीड़ित ने लगाई फरियाद,शासन प्रशासन को मामले की जानकारी लगते ही फूला हाथपांव,CM से लेकर जनपद के आलाधिकारियों को दी अर्जी,

हम बात कर रहे है सुलतानपुर जनपद के विकास क्षेत्र कुड़वार के पूरे चेरे मिश्र गांव का जहाँ पर पूरे गांव को ODF घोषित कर दिया गया है लेकिन सबसे दिलचस्प मामला तब निकल कर आया जब उसी गांव के पीड़ित रामानंद मिश्रा ने CM से लेकर जिला अधिकारी,मुख्य विकास अधिकारी को खुले में शौच जाने के अनुमति की गुहार लगाई,उनके इस शिकायती पत्र पर जनपद से लेकर प्रदेश में इस अनोखे सवाल पर चर्चा का विषय बन गया,

वही पीड़ित का कहना है कि जब पूरा गांव या यह कहे कि कागज पर ही पूरा जनपद ही ओडीएफ हो गया है तो सिर्फ कागजों में बने शौचालय  में पीड़ित नित्यक्रिया करने में सम्भव नहीं है और खुले में शौच मुक्त होने के चलते अगर वह इसका उलंघन करता है तो दोषी माना जायेगा अब शासन प्रशासन उसको खुले में शौच जाने हेतु आदेश प्रदान करे।


पीड़ित ने बताया-पीड़ित अपने परिवार को लेकर पहुँचा विकास भवन


बताते चलें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना था यह देश स्वच्छता अभियान की तरफ अग्रसर हो स्वच्छता अभियान के तहत उन्होंने ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में खुले में शौच से मुक्ति कराने के लिए शौचालय निर्माण की योजना चलाई जिसके तहत सरकार द्वारा ₹12000 अनुदान देने का निर्णय लिया गया उत्तर प्रदेश के सभी उच्चाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में शौच से मुक्त कराने के लिए जल्द से जल्द शौचालय का निर्माण कराया जाए जिसके तहत जनपद के उच्चाधिकारियों ने अपने मातहतों को योजना को शत प्रतिशत  लाभ पहुंचाने के लिए लगा दिया जनपद के उच्चाधिकारियों ने शत प्रतिशत योजना को परवान चढ़ा दिया , लेकिन वह परवान  धरातल पर नहीं कागजों पर दिखाई दिया ऐसा मामला तब उजागर हुआ जब कुड़वार थाना क्षेत्र के पूरे चेरे मिश्र रामानंद मिश्रा ने जिला अधिकारी सहित मुख्य विकास अधिकारी कोखुले में शौच जाने के अनुमति की गुहार लगाई, रामानंद के इस गुहार की शिकायत से जिला प्रशासन के कान खड़े हो गए , मामले की जांच पड़ताल किया गया तो पता चला कि पूरे चेरे मिश्र में 580 घरों को ओ डी एफ मुक्त किया गया 580 घरों की पड़ताल किया गया तो हकीकत सामने यह आया कि 580 घरों में सिर्फ 100 घरों को ओडीएफ मुक्त किया गया है बाकीलगभग 480 को कागजों में ओ डी एफ कर दिया गया यह जनपद का कोई नया मामला नहीं है ओ डी एफ के ऐसे मामले जनपद में  उजागर होते रहे है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि जनपद में रहे तत्कालीन जिलाधिकारी विवेक कुमार शासन स्तर पर पूर्व में  हुई बैठक मैं अपनी छवि को बचाने के  लगभग 85 प्रतिशतओडीएफ मुक्त कर दिया था लेकिन सच्चाई तो यह है कि अगर इन 85 प्रतिशत ओ डी एफ की पड़ताल किया जाय ,दूध का दूध पानी का पानी खुद ब खुद सामने आ जायेगा  देखना तो यह है कि रामानंद के शिकायती पत्र पर जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता है या तो आने वाला समय ही बतायेगा बहरहाल आगामी 27 फरवरी को देश के प्रधानमंत्री की आने के दौरान ओ डी एफ का मुद्दा गरमा सकता है ।


मुख्यमंत्री के मेल पर शिकायत करने के बाद आया जबाब

  क्या कहना है बी डी ओ कुड़वार -----

जब इस सम्बंध में बी डी ओ कुड़वार से जानकारी लिया गया तो उन्होंने बताया कि इस मामले की जानकारी हमे नही है ताज्जुब है ऐसे जिम्मेदार अधिकारी की जुबानी है,जिन्हें यह नही मालूम कि देश के प्रधानमंत्री मोदी की यह प्रथम प्राथमिकता है कि यह देश एक स्वच्छ भारत बने लेकिन ऐसे अधिकारी की जुबानी क्या बना पायेगा स्वच्छ भारत यह अपने आप मे एक सवाल है ।

ए डी ओ पंचायत का कहना----

जब इस सम्बंध में ए डी ओ पंचायत से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि 2012 की सूची के तहत गांव में शौचायल बन गए है नए सूची के तहत शौचायल बनवाये जा रहे है लेकिन साहब के जवाबो पर सवाल यह उठता है कि 580घरों को ओ डी एफ मुक्त कर दिया गया जानकारी यह भी है कि उक्त ओ डी एफ की धनराशि भी अवमुक्त हो चुका है लेकिन धरातल पर क्यू नही बने शौचालय

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