छह घंटे तक बवालियों के कब्जे में रहा मंडल कारागार
- रसोई गैस सिलेंडर में धमाका की धमकी,ड्रोन से करनी पड़ी निगरानी
- घंटो बाद बैरकों तक पहुंच पाया पुलिस प्रशासन
- सजायाफ्ता लंबरदार समेत 8 को जिला अस्पताल कराया गया भर्ती
- डीआईजी जेल ने दौरा कर जानी सच्चाई, गिर सकती है गाज
अयोध्या। शुक्रवार को लगभग 6 घंटे तक मंडल कारागार उपद्रवियों और बवालियों के कब्जे में रहा। बवाल कर रहे बंदियों कैदियों ने रसोई सिलेंडर में धमाका की धमकी दी जिसके चलते निगरानी के लिए प्रशासन को ड्रोन कैमरे मंगाने पड़े। मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन को बैरको तक पहुंचने के लिए घंटो मान मनोव्व्ल करनी पड़ी। कई राउंड की बातचीत के बाद प्रशासन ने हालात पर काबू पाया। उपद्रवी बंदियों कैदियों के चंगुल में फंसे मारपीट और पथराव में घायल सजायाफ्ता लंबरदार समत 8 को जिला अस्पताल पहुंचाया। पथराव में एसपी सिटी का सीयूजी मोबाइल टूट गया। चर्चा है कि बवाल में पुलिस और कारागार प्रशासन के लोग भी चोट खाए हैं। डीआईजी कारागार श्रीपर्णा गांगुली ने मंडल कारागार पहुंच हालात का जायजा लिया है।
मोबाइल को लेकर हुआ बवाल
बताया जाता है कि चंद दिन पूर्व आजमगढ़ मंडल कारागार से प्रशासनिक आधार पर तबादला हो कर कुछ कर दी मंडल कारागार अयोध्या आए थे। इन्हीं कैदियों में से एक अपनी बैरिक में मोबाइल से सुल्तानपुर जिला जेल में बंद अपने किसी साथी से बात कर रहा था। इस बात की शिकायत बैरक की लंबरदार सजायाफ्ता भोला ने कारागार प्रशासन के अधिकारियों से कर दी। जिसको लेकर कारागार प्रशासन ने मोबाइल की तलाश में सर्च चला था और भला बुरा कहा था। मोबाइल इस्तेमाल की मुखबिरी के शक में आजमगढ़ से स्थानांतरित हो कर आए सर्दियों में शुक्रवार की सुबह लंबरदार भोला की पिटाई शुरू कर दी। इस बात की जानकारी पर कारागार प्रशासन ने कड़ाई की तो कैदियों और बंदियों के दो धड़े बन गए और बवाल शुरू हो गया। दोनों गुटों में जमकर मारपीट हुई। बैरकों और कारागार भोजनालय में तोड़-फोड़ की गई। हालात कारागार प्रशासन के बूते से बाहर हुआ तो मामले की जानकारी जिला प्रशासन को दी गई। मौके की नजाकत को देखते हुए जिला प्रशासन ने जिलेभर की फोर्स को बुला लिया है डीएम तथा एसएसपी के नेतृत्व में जिले भर के आला अधिकारी मंडल कारागार पहुंच गए।
फोर्स देख उपद्रवियों ने कर दी मोर्चाबंदी
मंडल कारागार में भारी फोर्स और प्रशासन के आने की आहट देख उपत्रों कर रहे बंदियों और कैदियों ने मोर्चाबंदी कर ली। बैरकों को अलग करने वाले परिसर के मुख्य गेट को बंद कर लिया। पुलिस और कारागार प्रशासन के लोगों ने भीतर घुसने कोशिश की तो उन पर पथराव किया। पथराव में एसपी सिटी के सीयूजी मोबाइल की स्क्रीन टूट गई। फोर्स ने जबरदस्ती करने कोशिश की तो बंदी व कैदियों ने रसोई गैस सिलेंडर में धमाका करने की धमकी दे डाली। मजबूरन जिला प्रशासन को पर पीछे खींचने पड़े। मौके की नजाकत को देखते हुए जिला प्रशासन में डॉन कैमरा मंगवा लिया और परिसर की निगरानी शुरू करवा दी। जिलाधिकारी ने अपने मातहत अपर जिला अधिकारियों को बवाल कर रहे बंदियों और कैदियों से वार्ता के लिए लगाया। कई राउंड की वार्ता और मान मनौव्व्ल के बाद दूसरी पहर बंदियों और कैदियों का गुस्सा शांत हुआ और उन्होंने बंधक बनाकर रखे गए घायलों को जिला प्रशासन के हवाले किया। जिला प्रशासन ने कार्रवाई का आश्वासन देकर सभी को शांत कराया।
लंबरदार समेत आठ को कराया गया भर्ती
मंडल कारागार से गंभीर रूप से घायल सजायाफ्ता और लंबरदार जनपद के ही पूरा गंदा थाना क्षेत्र स्थित डॉन बॉस्को निवासी 29 वर्षीय भोला पुत्र आसाराम को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद कारागार प्रशासन की ओर से जेल में बंद जिले के ही दर्शन नगर क्षेत्र निवासी 36 वर्षीय धर्मेंद्र कुमार पुत्र तिलक राम, 50 वर्षीय राम अचल पुत्र रामभरोस जिले के ही इलाज नगर थाना क्षेत्र के पलिया लोहानी निवासी सगे भाइयों 35 वर्षीय सुमिरन मिश्र और 43 वर्षीय शारदा प्रसाद मिश्र पड़ोसी जनपद अमेठी के जगदीशपुर निवासी 57 वर्षीय अनूप उपाध्याय पुत्र शिव पूजन तथा जनपद के ही रौनाही थाना क्षेत्र स्थित चौहान निवासी 40 वर्षीय मुकेश पुत्र राम केवल को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जिला अस्पताल प्रशासन ने बताया कि गोला धर्मेंद्र कुमार और रामअचल को इलाज के लिए भर्ती किया गया है। बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। चर्चा है कि बवाल और उपद्रव में आधा दर्जन से ज्यादा अन्य लोगों को भी चोटे आई थी जिनका उपचार कारागार अस्पताल में किया जा रहा है। हालांकि इस बाबत कारागार प्रशासन के लोग अभी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।
छावनी बना रहा कारागार परिसर
बड़े बवाल की आशंका के मद्देनजर पूरा मंडल कारागार परिसर 6 घंटे से ज्यादा समय तक छावनी में तब्दील रहा। आपात हालात से निपटने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारी समेत फोर्स डेरा डाले रही तो फायर दस्ते को भी मौके पर बुलाकर अलर्ट रखा गया था। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी तो अंदर बाहर होते रहे लेकिन कारागार प्रशासन से जुड़ा कोई अधिकारी बाहर नहीं निकला। कुछ देर के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी कारागार बुलाया गया।
डीआईजी जेल ने ली घटनाक्रम की जानकारी
दूसरी पहर सुबे की राजधानी लखनऊ से अयोध्या पहुंचि उप महानिरीक्षक कारागार श्रीपर्णा गांगुली ने मंडल कारागार के अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी ली। घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद वह वापस लखनऊ लौट गई। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जेल में बंदियों और कैदियों को उपलब्ध कराई जाने वाली अवैध सुख-सुविधाओं को लेकर कारागार प्रशासन के अधिकारियों में धड़ेबंदी भी हो गई है। इसी को लेकर शुक्रवार को लंबरदार की पिटाई के बाद अधिकारियों के दोनों दलों के बंदी और कैदी एक दूसरे के खिलाफ लामबंद हुए हो बवाल हुआ। उम्मीद जताई जा रही है कि पर प्रकरण को लेकर अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है।
जिलाधिकारी डा.अनिल कुमार पाठक ने बताया कि मंडल कारागार में कैदियों ने आपस में बवाल कर लिया था। कैदियों के बीच मारपीट हुई है। जिला प्रशासन ने आक्रोशित बंदियों और कैदियों से कई राउंड वार्ता और समझाने बुझाने के बाद हालात पर नियंत्रण कर लिया। अब स्थिति पूरी तरह सामान्य है। घायलों को उपचार के लिए भिजवाया गया है। पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए हैं।
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