सोमवार, 25 जून 2018

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने दिया आस्वासन हाथ से मैला उठाना छोड़ने वाले परिवार के एक सदस्य को मिलेगी सरकारी नौकरी

हाथ से मैला उठाना छोड़ने वाले परिवार के एक सदस्य को मिलेगी सरकारी नौकरी


मुख्यमंत्री को चार सूत्रीय मांगपत्र भी सौंपा गया. इसमें प्रत्येक शहर के नगर निगम में इन्हें व्यवसाय करने के लिए दुकान आवंटित करते हुए टी स्टॉल, सरकारी स्तर पर भीम भोजनालय-15 रुपए प्रति थाली के मूल्य पर सुलभ कराई जाए, जिसका प्रबंधन वाल्मीकि एवं समकक्ष समाज को दिया 

हाथ से मैला उठाना छोड़ने वाले परिवार के एक सदस्य को मिलेगी सरकारी नौकरी


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री डॉ.लालजी प्रसाद निर्मल ने वाल्मीकि समाज के दो दर्जन से अधिक जनपदीय प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की. डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि इस दौरान मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि हाथ से मैला उठाने की प्रथा में लगे हुए, जिन परिवारों ने इसे छोड़ दिया है, उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरियों में सेवायोजित किया जाएगा. इनके सही आंकड़े जुटाने के लिए डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल को निर्देश दिए हैं.डॉ लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि पूरे प्रदेश में अभी भी हजारों परिवार हाथ से मैला उठाने के कार्यों में लगे हुए हैं. इस मुद्दे को वह काफी समय से उठाते रहे हैं. इसी क्रम में रविवार को मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर दो दर्जन से अधिक प्रतिनिधियों ने मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पूरे प्रदेश के वाल्मीकि मंदिरों का सुदृढ़ीकरण करवाया जाएगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्राथमिकता के तहत वाल्मीकि समाज के लोगों को शहरी और ग्रामीण इलाके में आवास एवं शौचालय दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि वाल्मीकि समाज के लोग बच्चों को स्कूल भेजें. यदि किसी तरह की कठिनाई होगी तो उनके लिए अलग से पठन-पाठन की व्यवस्था की जाएगी.


'श्रम कार्यालयों में वाल्मीकि समाज के प्रत्येक श्रमिक का पंजीकरण करवाएं'अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों को वर्ष 2015-16 में सिर्फ 14 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति एवं प्रतिपूर्ति दी जाती थी, राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 21 लाख कर दिया है. इसे 2 लाख और बढ़ाकर 23 लाख किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के श्रम कार्यालयों में वाल्मीकि समाज के प्रत्येक श्रमिक का पंजीकरण करवाएं एवं असुविधा होने पर मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत करवाएं.इस दौरान मुख्यमंत्री को चार सूत्रीय मांगपत्र भी सौंपा गया. इसमें प्रत्येक शहर के नगर निगम में इन्हें व्यवसाय करने के लिए दुकान आवंटित करते हुए टी स्टॉल, सरकारी स्तर पर भीम भोजनालय- 15 रुपए प्रति थाली के मूल्य पर सुलभ कराई जाए, जिसका प्रबंधन वाल्मीकि एवं समकक्ष समाज को दिया जाए. हाथ से मैला उठाने के कार्य में लगे हुए, जो परिवार इस पेशे से मुक्त हुए हैं. उन परिवारों के एक-एक व्यक्ति को आउट सोर्सिंग की नौकरियों में स्थापित किया जाएं.बिहार की तर्ज पर चलें सांध्यकालीन कक्षाएंवाल्मीकि समाज में व्यापक शिक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु बिहार राज्य की तर्ज पर इनकी बस्तियों में सांध्यकालीन कक्षाएं चलाने के लिए टोली/शिक्षा नायक की नियुक्ति की जाए. हाथ से मैला उठाने की प्रथा पर एक वर्ष की अवधि के भीतर पूर्णतः रोक लगा दी जाए. मुख्यमंत्री से मिलने वालों में डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल के साथ राजेश कुमार विद्यार्थी, राजू प्रधान, अरविंद लाल, मोना भारती, अमित तिसावर, चंदन रावत, प्रेम सुधा, डॉ कौलेश्वर प्रियदर्शी, पीएल भारती, बृजेश कुमार वाल्मीकि, विक्रम सुमन, सुबोध कुमार, भग्गूलाल बाल्मीकि, योगेंद्र कुमार परिहार, मुरारी लाल भाष्कर, करन संतोषी, विजय कुमार, ऋषि कुमार, राजेश कुमार, विशाल वाल्मीकि और अनिल कुमार शामिल रहे.

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